पंकज तिवारी
बाराबंकी (सुबेहा)। जिले की अधिकांश नहरों में पानी नहीं है। सूखी नहर में दरारें फट रही हैं। धान की नर्सरी भी खेतों में सूख रही है। किसान नहरों में पानी छोड़े जाने का इंतजार कर रहे हैं। जिले कुछ गिनीचुनी नहरों को छोड़कर शेष सभी की कमोवेश यही हालत है। किसान बारिश होने के इंतजार कर रहे हैं। बारिश हो तो खेतों की जुताई का काम शुरू हो। अभी तो खेतों में दरारें पड़ी है। ऐसे में खेत की तैयारी भी नहीं हो पा रही है। कई क्षेत्रों में तो अब तक धान की रोपाई का काम शुरू हो जाती थी। लेकिन बारिश नहीं होने से खेती का काम लेट हो रहा है।
सुबेहा क्षेत्र के ज़मीन हुसैनाबाद, इस्लामपुर, रेहुरा, पलिया, चौकी, रामपुर आदि गांवों से होकर गुजरने वाली सुबेहा राजबहा में पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों के खेती का काम प्रभावित हो रहा है। शहरी निवासी बब्बू सिंह, सत्यदेव शुक्ला, राजू पाण्डेय ऐसे सैकड़ो किसानो का कहना है कि प्रतिवर्ष माइनर की सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किया जाता है। लेकिन सफाई रामभरोसे होती है। अभी तक पानी नहीं पहुंचा है।
सुबेहा राजबहा में दरारें फट रही हैं। रेहुरा निवासी रविंद्र तिवारी ने बताया कि धान की नर्सरी किसी तरह डाल दिया गया है, लेकिन धान की रोपाई के समय मानसून धोखा दे रहा है। एक ही सहारा नहर का हैँ किसान पानी के अभाव में धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। सूबेहा छेत्र के सैकड़ों गांवो मे किसान धान की खेती के लिए तैयारी नहीं हो पा रही है।
रजवहा नहर के पानी पर ही निर्भर रहते हैं। समय पर बारिश नहीं होने और नहर में पानी नहीं छोडे़ जाने से किसानों में बेचैनी बढ़ रही है। नहर विभाग की लापरवाही से किसानों के धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। सूबेहा छेत्र के सेकड़ो किसानो ने नहर मे पानी छोड़ने की माँग कर रहे हैँ l