चंदापुर/रायबरेली। थाना क्षेत्र के राजकीय बालिका हाई स्कूल मऊ में गुरुवार को थानाध्यक्ष प्रशांत द्विवेदी के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय की छात्राओं को जागरूक किया गया। इस दौरान एसएसआई रवि पवार, महिला आरक्षी सीमा यादव, आरक्षी पवन कुमार आदि मौजूद रहे।
आपको बता दे कि गुरुवार को थाना क्षेत्र के मऊ गांव स्थित राजकीय बालिका हाई स्कूल में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत पुलिस ने छात्राओं को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कोतवाल प्रशांत द्विवेदी ने छात्राओं को आत्मरक्षा के तरीके, साइबर अपराधों से बचने के उपाय और महिला सुरक्षा से संबंधित हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।
कोतवाल ने छात्राओं को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श के बीच का अंतर समझाया कहा कि छात्राएं शारीरिक शोषण को पहचान कर उसका विरोध करें, आवश्यकता पड़ने पर पुलिस की मदद भी लें।
उन्होंने कार्यक्रम का उद्देश्य समझते हुए कहा कि, छात्राओं को सशक्त बनाना और उन्हें सुरक्षित महसूस करना था। पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं को यह भी बताया कि वह किसी भी समस्या के लिए उन पर भरोसा कर सकती हैं और अपनी बात उन तक पहुंचा सकती हैं।
कार्यक्रम में मौजूद महिला आरक्षी सीमा यादव ने महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत मौजूद छात्राओं को विभिन्न विषयों पर जागरूक किया। उनके द्वारा आत्मरक्षा के तरीके बताएं गए और छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए कुछ सरल और प्रभावी तकनीकें भी सिखाई गई, ताकि वह किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना कर सके।
एसएसआई रवि पवार ने छात्राओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न और अन्य साइबर अपराधों से बचने के उपाय बताएं। उन्होंने छात्राओं को महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 जैसे आवश्यक हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।
ताकि वह जरूरत पड़ने पर तुरंत पुलिस की सहायता मांग सके। इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या पूजा सिंह, शिक्षिका अर्चना सिंह, सत्यवती समेत छात्र-छात्राएं एवं विद्यालय का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
इसके अलावा विद्यालय परिवार द्वारा 1 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को जागरूक भी किया गया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य ने छात्र-छात्राओं को बताया कि सभी बच्चे खुद जागरूक होकर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। आसपास के वातावरण में पानी जमा ना होने दें, और साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय, ताकि संचारी रोगों से बचा जा सके।