महराजगंज(रायबरेली)। शिवगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत भवानीगढ़, देहली में सप्तवेदी, गणेश आंबिका, रूद्र हनुमत देव, सहित मोक्षदायिनी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन यजमान कालिका प्रसाद मिश्रा, सपत्नीक राजेश्वरी मिश्रा, के यहां आनंद मिश्रा के द्वारा संकल्पित पांचवी श्रीमद् भागवत कथा के हो रहे भव्य आयोजन में आखिरी दिन कथा का श्रवण करने के लिए श्रोतागणों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी।
आपको बता दें कि भवानीगढ़, देहली गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन रविवार को वृंदावन से पधारे कथा व्यास पंडित वागीश रामचंद्र दास ने प्रमुख रूप से भगवान श्री कृष्णा और सुदामा की मित्रता व ऊधौ गोपी संवाद कृष्ण रुक्मणी विवाह भगवान का स्वधामगमन परीक्षित मोक्ष जैसी कथाओं का व्याख्यान करते हुए कथा व्यास ने बताया कि, मित्रता कैसी हो यह हमें भगवान श्री कृष्णा तथा सुदामा की मित्रता से सीखना चाहिए, मित्र के प्रति ईमानदारी, त्याग, और सम्मान का भाव ही सच्ची मित्रता कहलाती है।
कथा व्यास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने ऊधौ जी को वृंदावन भेजा परंतु जब वहां पर ऊधो जी पहुंचे तो गोपियों के प्रेम में ऐसा डूबे कि वह भी प्रेम मय हो गए। और वह स्वयं ब्रज से नहीं आना चाहते थे भगवान कृष्ण ने माता रुक्मणी से विवाह किया। प्रभात क्षेत्र में जब कालांतरण में समय बीता भगवान ने पृथ्वी पर खूब शासन किया जब समय आया तो भगवान अपने स्वधाम को चले गए।
कथा व्यास द्वारा विभिन्न प्रसंगों को सुनकर पांडाल में उपस्थित समस्त श्रोता भाव विभोर हो गए। महराजगंज क्षेत्र के ग्राम सभा जिहवा के रहने वाले आनंद मिश्रा ने बताया कि, हर दूसरे महीने अलग-अलग स्थानों पर उनके द्वारा संकल्पित श्रीमद् भागवत कथाओं का आयोजन किया किया जा रहा है, यह उनके द्वारा आयोजित पांचवी श्रीमद् भागवत कथा है।
इस मौके पर यज्ञशाला प्रमुख आचार्य पंडित योगेंद्र त्रिपाठी, परिचायक अमरेश शुक्ला, आकाश मिश्रा, मुख्य यजमान कालिका प्रसाद मिश्रा, सपत्नीक राजेश्वरी मिश्रा सहित, सुमित मिश्रा,रुद्रेश मिश्रा, पंकज मिश्रा, रामानुज मिश्रा, कनिक मिश्रा, अमित मिश्रा, आकाश मिश्रा, विकाश मिश्रा, कृष्ण मिश्रा, हर्षित मिश्रा, अरुण तिवारी, अनूप अवस्थी, सुभाष मिश्रा, अरविंद सिंह, विवेक मिश्रा, जितेंद्र सिंह, रागेन्द्र सिंह, रामू त्यागी सहित बड़ी तादात में श्रद्धालु उपस्थित रहे।