रायबरेली। उत्तर प्रदेश में परिषदीय शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को लेकर नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में रायबरेली में शिक्षकों की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्थायी अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति बनाए जाने की पुरजोर मांग उठी।
शिक्षक नेता अनुराग द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश भर में कई शिक्षक अपने गृह जनपद से वर्षों से दूर रहकर सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें तबादले का मौका नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि सरकार एक पारदर्शी और स्थायी नीति बनाए ताकि शिक्षक परिवारों के साथ रह सकें।”
शिक्षक नेता संजीव सोनी ने कहा कि जून माह में जारी स्थानांतरण नीति के तहत जालौन, हमीरपुर, बांदा और ललितपुर में रिक्तियों के बावजूद एक भी तबादला नहीं हुआ, जो विभाग की अनदेखी को दर्शाता है।
राहुल द्विवेदी ने बताया कि शिक्षकों के माता-पिता वृद्ध और बीमार हो चुके हैं, और शिक्षक उन्हें समय नहीं दे पा रहे हैं। यह केवल प्रशासनिक नहीं, मानवीय संवेदनाओं का भी मुद्दा है।
नितिन सोनी ने कहा कि यदि विभाग कोई स्थायी नीति बनाए तो अधिक से अधिक शिक्षक अपने परिवार के पास कार्य कर सकेंगे, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य और कार्यक्षमता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उपस्थित शिक्षकगण:
बैठक में पुरुषोत्तम सोनी, आशीष गुप्ता, विवेक शास्त्री, गरिमा सिंह, प्रदीप पटेल, मानवेन्द्र सिंह गुर्जर, अर्चना वर्मा, संगीता पटेल, राहुल कुमार यादव, गौरव बाजपेयी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।