महराजगंज/रायबरेली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के लगातार सत्ता में रहने के दौरान जिस तरह से गौवंशों के वध पर रोक लगाई गई, उससे लगने लगा था जैसे राम राज्य आ गया। लेकिन ये पूर्ण सत्य नहीं है। क्योंकि कुछ अधिकारियों और पुलिस की मिली भगत से सरकार की उस महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है।
रायबरेली में गौवंश तस्करों का डीसीएम पलटने के बाद से ही इस बात का खुलासा हो सका और पुलिस रात्रि चेकिंग की पोल खोल कर रख दी। ऐसा ही एक मामला महराजगंज कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार की देर रात देखने को मिला।
जहां गौवंशों से भरा डीसीएम अनियंत्रित होकर खाई मे पलट गया, डीसीएम पलटने से जहां कंडक्टर सहित सात गौवंशों की दर्दनाक मौत हो गई, तो वहीं हादसे में ड्राइवर को भी गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी भी हालत नाजुक बनी हुई है।
पुलिस ने सुचना पाते ही क्रेन से ट्रक को बाहर निकलवाया और कंडक्टर के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ये भी पता करने मे जुटी है कि, आखिर गोवंशो को कहाँ और क्यों लें जाया जा रहा था।
आपको बता दें कि मामला महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के कुबना नैय्या नाला पुल के पास का है, जहां देर रात हैदरगढ़ की तरफ से आ रहा गोवंशो से भरा एक डीसीएम अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाई मे पलट गया। ट्रक पलटने से कंडक्टर तैया (19) पुत्र पटवारी निवासी जनपद हरदोई सहित सात गोवंशों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि चालक सरफुद्दीन (30) निवासी जौनपुर गंभीर रूप से घायल हो गया।
स्थानीय लोगों की मदद से घायल को इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रायबरेली के लिए रेफर कर दिया गया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और क्रेन से खाई मे गिरे ट्रक को बहार निकलवाया। मृत गोवंशो को जेसीबी मंगवाकर बाकायदा गड्ढा खुदवा कर दफना दिया गया। जीवित गोवंश रस्सी से आजाद होते ही भाग गए। उधर पुलिस ये भी पता कर रही है कि गोवंशो से भरा ट्रक आखिर कहां से कहां ले जाया रहा था।
आपको यह भी बता दें कि पुलिस की लचर कार्यशैली का ही नतीजा है कि पुलिस चौकी गुमावां और पुलिस चौकी हलोर पार कर कुनबा नैय्या पर अनियंत्रित होकर पलटा डीसीएम गोवंश तस्करी के मामलों में पुलिस रात्रि चेकिंग अभियान की पोल खोलता है।
यही वजह है कि, ऐसे मामले सामने नही आते हैं, और गोवंशों से लदी गाड़ियां पार हो जाती है, गोवंशों से लदा डीसीएम पलटना यह सिद्ध करता है कि जिले का पुलिस प्रशासन गौ तस्करी पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अगर क्षेत्रीय पुलिस सक्रिय होती तो निश्चित तौर पर ये गौ तस्करी के लिए ले जाए जा रहे 7 गोवंशों की दर्दनाक मौत नहीं हुई होती।