- खीरों क्षेत्र में पशु टीकाकरण ठप, पशुपालकों में आक्रोश
राजकुमार मिश्रा
खीरों, रायबरेली। वर्षा ऋतु को शुरू हुए एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन मुंहपका-खुरपका जैसी गंभीर बीमारियों के टीकाकरण अभियान अब तक गांवों तक नहीं पहुँच सके हैं। पशुपालन विभाग की घोर उदासीनता के कारण ग्रामीण पशुपालक परेशान और नाराज़ हैं।
सरकार और पशुधन विभाग के मंत्री लगातार टीकाकरण अभियान की घोषणाएँ कर रहे हैं, मगर जमीनी हकीकत यह है कि गांवों में विभाग की मौजूदगी तक नहीं है।
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के कर्मचारी तो छोड़िए, एक डॉक्टर तक नहीं आता।
❝डॉ. पंकज कुमार पटेल के जाने के बाद हालात और बदतर❞
ग्राम अजीतपुर, कमालपुर, टिकवामऊ, जसमऊ, मेडौली, दुकन्हा, नुनैरा, बनईमऊ, एकौनी और रायपुर जैसे कई गांवों के पशुपालकों ने बताया कि जब तक डॉ. पंकज कुमार पटेल सेवा में थे, वे गांवों में कैम्प लगाकर मुफ्त सरकारी दवाएं दिलाते थे। आज स्थिति यह है कि बीमार पशुओं का इलाज तक समय से नहीं हो पा रहा।
पशुपालकों की पीड़ा:
न टीकाकरण हुआ, न इलाज मिला
गांवों में विभाग की कोई उपस्थिति नहीं
संक्रमण फैलने का डर बढ़ा
कई पशु पहले ही बीमार हो चुके है।
पशुपालकों की मांग:
“अगर सरकार वाकई में ग्रामीण पशुधन को लेकर गंभीर है, तो गांव-गांव में कैम्प चलाकर तत्काल टीकाकरण शुरू किया जाए और नियमित जांच की व्यवस्था की जाए।”