रायबरेली/खीरों। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय नेतृत्व के निर्देशानुसार तीन दिवसीय कार्यक्रम की कड़ी में विकास क्षेत्र खीरों के प्राथमिक विद्यालय कुटकुरी को कम्पोजिट विद्यालय देवगांव में मर्ज किए जाने के विरोध में एक जोरदार जन आंदोलन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आंदोलन अध्यक्ष नीरज हंस के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षक, शिक्षामित्र, अभिभावक व छात्र-छात्राओं ने भारी संख्या में भाग लिया।
गोष्ठी में मर्जर के फैसले पर गंभीर आपत्ति जताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि यह निर्णय न तो ग्रामीणों की सहमति से लिया गया और न ही इसकी कोई पूर्व सूचना दी गई।
ग्रामीणों की पीड़ा:
रामदेवी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, “अन्य व्यवस्थाएं बदली जा सकती हैं, लेकिन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।”
बुजुर्ग सूर्य प्रसाद ने भावुक होकर कहा, “हमने गांव में विद्यालय खुलवाने के लिए संघर्ष किया था, आज उसे खत्म कर देने से गहरा दुःख हो रहा है।”
रोजगार और दूरी की समस्या:
रसोइया रूपरानी ने अपना दुख साझा करते हुए कहा, “बुजुर्गावस्था में मेरी आजीविका छीनना उचित नहीं है।”
अभिभावक सुमन देवी और पंकज कुमार ने कहा कि देवगांव की दूरी और मार्ग की स्थिति बच्चों के लिए बेहद कठिनाईपूर्ण है।
छात्रों का विरोध:
छात्रा नैना (कक्षा 4) ने कहा कि “हमसे हमारा विद्यालय न छीना जाए।” वहीं छात्र अंकुश ने स्पष्ट रूप से दूसरे विद्यालय में पढ़ाई से इनकार किया।
शिक्षक संगठन का आह्वान:
जिला उपाध्यक्ष डा. दुष्यंत सिंह ने चेतावनी दी कि यदि मर्जर आदेश वापस नहीं हुआ तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप लेगा। प्रचार मंत्री अनुपम शुक्ला ने कहा कि, “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे नारों के विपरीत ऐसे निर्णय सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हैं।”
अध्यक्ष नीरज हंस ने अभिभावकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि यदि मर्जर रद्द नहीं किया गया, तो यह आंदोलन क्रांतिकारी स्वरूप लेगा।
अन्य प्रमुख उपस्थिति:
इस विरोध सभा में प्रबंध समिति अध्यक्षा अनीता देवी, रसोइया रूपरानी व सोमवती, ग्रामीण पंकज, ओमप्रकाश, नीतू गोवर्धन, एवं शिक्षक मनीष अग्निहोत्री, सुशील तिवारी, बृजेश पांडेय समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।