Wednesday, March 19, 2025
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गर्मी में पराग की आइसक्रीम, छाछ व लस्सी लोगों को आसानी से उपलब्ध कराने केे लिए जगह-जगह पराग बूथ व पार्लर खोले जाये- धर्मपाल सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु कृत संकल्पित है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रगतिशील दृष्टिकोण, निर्णायक नीतियों का पलान करने एवं विभाग हित में कार्य करने आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से गोवंशों तथा अन्य पशुओं की सुरक्षा हेतु प्रदेश के राजमार्गों के समीप स्थित ग्रामों में पशुपालकों के पशुओं/गोवंशों के गले में रेडियम पट्टी पहनाये जाने हेतु कार्य योजना तैयार कर ली गयी है। जनपद लखनऊ में कल पशुओं को रेडियम पट्टी पहनाये जाने के अभियान का शुभारम्भ किया जायेगा।

श्री सिंह ने यह निर्देश आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि सड़कों तथा राजमार्गों के समीपस्थ ग्रामों में पशुपालकों के गोवंशों तथा पशुओं के रात्रि के समय सड़क पर आ जाने की स्थिति में मार्ग दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सरकार द्वारा इन पशुपालकों के पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश निर्गत कर दिये गये हैं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे हाईवे-के किनारे पांच-पांच गावों को चिहिन्त कर वहां के गोवंश को रेडियम बेल्ट पहनाने का कार्य किया जाये। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, महिला सहायता समूह सहित गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाये।

श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2018-19 में निराश्रित गोवंश की समस्या के निदान हेतु नीति का प्राख्यापन किया गया। 20वीं पशु गणना के अनुसार प्रदेश में 1184494 निराश्रित गोवंश को संरक्षण करने हेतु वृहद गो संरक्षण केन्द्रों, अस्थायी गो आश्रय स्थलों तथा कान्हा गो आश्रय स्थल की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 6743 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 372 वृहद गो संरक्षण केन्द्र, 306 कांजी हाऊस एवं शहरी क्षेत्र में 293 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7714 गो आश्रय स्थलों में 1252338 निराश्रित गोवंश संरक्षित है।

उन्होंनेे कहा कि मा० मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 105139 इच्छुक लाभार्थियों को 162625 निराश्रित गोवंश अब तक 543 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके सापेक्ष 372 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका हैं।

श्री सिंह ने निर्देश दिये कि पी0सी0डी0एफ0 के बंद प्लांट को पुनः चालू कराया जाये। गर्मी के मौसम में पराग की आइसक्रीम, छाछ व लस्सी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए जगह-जगह पराग बूथ व पार्लर खोले जायें। साथ ही शहर के होटल, रेस्तरां, अस्पताल, तहसील आदि स्थानों पर पराग उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये। इसके लिए विभाग के मार्केंटिंग प्रभाग को और अधिक सक्रिय किया जाये। अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों का भ्रमण कर पराग बूथों की संख्या को बढ़ाने का कार्य करें और सप्लाई चेन को मूजबूत बनायें।

बैठक में प्रमुख सचिव, पशुधन, श्री रवीन्द्र नायक, विशेष सचिव, पशुधन, श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा० जयकेश कुमार पाण्डेय, तथा निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा० योगेन्द्र सिंह पवार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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