रायबरेली। उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा के पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय के पशु प्रजनन एवं संवर्धन विभाग द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नेशनल ब्यूरो एनिमल जेनेटिक्स एण्ड रिसर्च करनाल परियोजना अन्तर्गत महराजगंज तहसील के विकास खण्ड बछरावों के ग्राम पंचायत रानीखेड़ा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पशुपालकों के उत्थान हेतु एक दिवसीय कार्यशाला एवं पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन सह-प्राध्यापक डा० एस०पी० सिंह एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रायबरेली डा० अनिल कुमार द्वारा किया गया।
वेटरिनरी कॉलेज मथुरा के डा० आलोक कुमार, डा० अजय कुमार, डा० एस०पी० सिंह एवं परियोजना प्रभारी डा० अवनीश कुमार द्वारा अनुसूचित जाति के क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों के 150 लाभार्थियों को परियोजना विषयक जानकारी प्रदान करते हुये गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं की देशी नस्लें जैसे-साहीवाल, गिरि, हरियाणा, थार पारकर, गंगातीरी, मुर्रा, भदावरी आदि के संरक्षण एवं नैसर्गिक व कृत्रिम गर्भाधान द्वारा अवर्णित नस्लों को उन्नतिशील वर्णित नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुये प्रतिभाग कर रहे पशुपालकों को जागरूक किया गया।
मंच का संचालन कर रहे पशु चिकित्साधिकारी पश्चिम गॉव डा० विजय शंकर पटेल एवं पशु चिकित्साधिकारी अटौरा बुजुर्ग डा० पी०एस० निरंजन द्वारा कार्यशाला के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने हेतु किये जाने वाले उपायों पर विस्तृत चर्चा कर लोगों को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जानकारी प्रदान की गयी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा० अनिल कुमार द्वारा स्वदेशी गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मुख्यमंत्री गो संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना सहित विभाग द्वारा संचालित संक्रामक रोगों का टीकाकरण, वर्गीकृत वीर्य का उपयोग सहित अन्य सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी गोष्ठी में प्रदान की गयी।
कार्यक्रम कियान्वयन एवं गोष्ठी को सकुशल संपन्न कराने एवं स्वदेशी पशुओं की नस्लों के संरक्षण एवं उनके आर्थिक व वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डालते हुये प्रत्येक स्तर पर डा० सुरेश चन्द्र पशु चिकित्साधिकारी हरदोई, डा० उमेश चन्द्र उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी महराजगंज, डा० अनुपम चौधरी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पशुधन एवं विकास, डा० इन्द्रजीत वर्मा पशु चिकित्साधिकारी शिवगढ़, डा० अमित बरनवाल पशु चिकित्साधिकारी दीनशाह गौरा एवं स्थानीय पशुधन प्रसार अधिकारियों द्वारा सहयोग किया गया।
परियोजना प्रबन्धन के डा० एस०पी० सिंह द्वारा प्रतिभागियों द्वारा पशुपालन एवं बीमार पशुओं की चिकित्सा, टीकाकरण एवं उपचार आदि पूछे गये प्रश्नों का बारीकी एवं सरलता से उत्तर दिया गया तथा उम्मीद व्यक्त की कि वेटरिनरी कॉलेज की इस पहल पर क्षेत्रीय पशुपालकों को अत्यन्त उपयोगी एवं महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारी द्वारा पशु उत्थान में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। डा० सुरेश चन्द्र एवं डा० उमेश चन्द्र द्वारा आकस्मिक पशु चिकित्सा की सुविधा पशुपालक के द्वार पर शासकीय शुल्क उपलब्ध कराने के लिये मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के टोल फ्री नम्बर 1962 डॉयल कर सुविधा का लाभ उठाने हेतु लोगों को प्रेरित किया गया।
पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय मथुरा द्वारा निःशुल्क पशु स्वास्थ्य किट, दूध बढ़ाने की औषधि, प्रशिक्षण बैग एवं दूध दुहने के लिये स्टील बाल्टी प्रतिभाग करने वाले 150 पशुपालकों को प्रदान की गयी। इस अवसर पर ग्राम प्रधान रानीखेड़ा, धर्मेन्द्र तिवारी, पंकज सिंह, राजेश कुमार, प्रदीप सिंह, राजकुमार, एवं अन्य ग्राम पंचायतों के उन्नतिशील / प्रगतिशील पशुपालक उपस्थित रहे।