Reverse Walking: आजकल की व्यस्त जीवनशैली में हम फिटनेस के लिए विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी रिवर्स वॉकिंग (पीछे चलना) को अपनी दिनचर्या में शामिल किया है? रिवर्स वॉकिंग एक सरल और प्रभावी तरीका है, जो न केवल आपकी फिटनेस को बेहतर बनाता है, बल्कि यह आपकी याददाश्त को भी मजबूत करता है और घुटनों को मजबूती प्रदान करता है। यह एक ऐसी एक्सरसाइज है जो काफी फायदेमंद साबित हो सकती है, हालांकि यह पहली बार सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है।
Reverse Walking के अद्भुत फायदे
Reverse Walking या रेट्रो वॉकिंग में आप सामान्य रूप से चलते नहीं हैं, बल्कि इसके विपरीत पीछे की दिशा में चलते हैं। इस प्रक्रिया में मांसपेशियां और जोड़ों का काम करने का तरीका बदल जाता है, जिससे शरीर और मस्तिष्क को कई बेहतरीन फायदे मिलते हैं। यह एक्सरसाइज विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो घुटनों के दर्द से परेशान हैं या जिनका किसी प्रकार का शारीरिक चोट से रिकवरी चल रही है।
डॉ. अनुज कुमार कादियां, ऑर्थोपेडिक सर्जन, न्यूलाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर, गुरुग्राम के अनुसार, रिवर्स वॉकिंग घुटने के जोड़ों पर दबाव को कम करता है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो दौड़ने, बैठने या घुटने के दर्द से जूझ रहे हैं। यह एक छोटा सा कदम है, जो शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए बड़े फायदे ला सकता है।
घुटनों के लिए फायदेमंद
रिवर्स वॉकिंग के सबसे बड़े फायदे में से एक है कि यह घुटनों पर दबाव को कम करता है। सामान्य रूप से चलने पर वजन घुटनों पर अधिक पड़ता है, लेकिन पीछे की ओर चलते समय वजन का वितरण बदल जाता है, जिससे घुटनों पर कम दबाव पड़ता है। डॉ. कादियां कहते हैं, “यह विशेष रूप से दौड़ने वालों और जिम जाने वालों के लिए आदर्श है, जो अपने घुटनों पर अधिक लोड डालते हैं।”
हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स को मजबूती
रिवर्स वॉकिंग से हैमस्ट्रिंग (पिछले हिस्से की जांघ की मांसपेशियां) और ग्लूट्स (पैरों के नितंब) की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, जो सामान्य चलने में ज्यादा काम नहीं आती हैं। इससे आपकी मुद्रा और चलने की प्रक्रिया में सुधार होता है। जिन लोगों को घुटनों का दर्द है या जिन्होंने हाल ही में घुटने की सर्जरी करवाई हो, उनके लिए रिवर्स वॉकिंग एक सुरक्षित तरीका है जिससे वे अपनी ताकत को फिर से प्राप्त कर सकते हैं।
मस्तिष्क की सतर्कता में सुधार
जब आप पीछे की ओर चलते हैं, तो आपको अपनी दिशा और संतुलन पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे आपका मस्तिष्क और शरीर दोनों अलर्ट रहते हैं। इससे मस्तिष्क के सक्रिय रहने में मदद मिलती है, जो उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क संबंधी समस्याओं को कम कर सकता है। यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है और मानसिक स्पष्टता में सुधार करता है।
क्या रिवर्स वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना सुरक्षित है?
रिवर्स वॉकिंग एक आसान और सुरक्षित एक्सरसाइज है, जिसे आप अपने घर या जिम में आसानी से कर सकते हैं। इसे सही तरीके से करने के लिए आपको थोड़ी सी सतर्कता बरतनी होगी, ताकि आपको चोट न लगे। शुरुआत में, इसे धीरे-धीरे और छोटे स्टेप्स में करें, ताकि आपके शरीर को इसकी आदत हो जाए। अगर आप किसी प्रकार के जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें, ताकि आप सही तरीके से इसका लाभ उठा सकें।
रिवर्स वॉकिंग एक अद्भुत और प्रभावी तरीका है, जो आपके घुटनों की मजबूती, मांसपेशियों की सक्रियता और मस्तिष्क की सतर्कता को बढ़ाता है। यह एक ऐसा व्यायाम है जिसे कोई भी व्यक्ति अपनी फिटनेस रूटीन में शामिल कर सकता है, चाहे वह किसी चोट से उबर रहा हो या सामान्य फिटनेस बनाए रखना चाहता हो। तो क्यों न आप भी आज से रिवर्स वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसके फायदों का अनुभव करें?