- आरपीएफ अधिकारियों का UPSIFS में साइबर एवं फॉरेंसिक विषयों पर साप्ताहिक प्रशिक्षण प्रारम्भ
शकील अहमद
सरोजनीनगर, लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ मे आज साइबर एवं फॉरेंसिक विषयों पर विशेषज्ञता हासिल करने के उद्देश्य से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के राजपत्रित अधिकारियों के लिए एक साप्ताहिक कोर्स का शुभारम्भ किया गया।प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ संस्थापक निदेशक डॉ जी. के. गोस्वामी की अध्यक्षता में जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी लखनऊ के महानिरीक्षक बी वेंकटेश्वर राव ने किया।
इस अवसर पर डॉ जी. के गोस्वामी ने महानिरीक्षक बी वेंकटेश्वर राव को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ जी. के. गोस्वामी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में मिशन का होना आवश्यक है। बिना मिशन के आपका विजन अधूरा होगा और अधूरे विजन से जीवन का मिशन पूर्ण करना संभव नहीं हो सकता है इसलिए आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य को स्थापित कर सदैव कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिये।
डॉ गोस्वामी ने कहा कि जुलाई 2024 से हमारे तीन नये कानून लागू हुए है, पहले गंभीर घटना स्थलों पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट का जाना अनिवार्य नहीं था लेकिन अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है इसलिए हमें अपने कार्यशैली में भी बदलाव लाना होगा अन्यथा कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस अवसर पर उप महा निरीक्षक श्राजीव मल्होत्रा ने कोर्स और संस्थान के बारे में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
उन्होने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी के लिए यह एक अनोखा मौका है, इस कोर्स को यूपीएसआईएफएस के अधिकारीगण एवं फेकल्टी ने आपकी नवीन उपयोगिता के दृष्टिगत डिजायन किया है।
इस अवसर पर महा निरीक्षक आरपीएफ बी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि हमारा यह सौभाग्य है कि हमे यूपी एसआईएफएस में प्रशिक्षण का मौका मिला है हमें यहां से बहुत कुछ सीख कर जाना है।
आज की तारीख में साइबर सिक्योरिटी और साइबर फॉरेंसिक हमारे कार्यों का एक अभिन्न हिस्सा है, इन विषयों में ज्ञान हासिल करना अपने संस्थान एवं व्यक्तिगत दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव ने मुख्य अतिथि वेंकटेश्वर राव को पुष्प-पौध देकर सम्मानित किया।
प्रशिक्षण सत्र में उप निदेशक चिरंजीव मुखर्जी, श्विवेक कुमार , जनसंपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह, गिरिजेश राय, डॉ मनीष राय एवं शैलेन्द्र सिंह सहित सभी प्रशिक्षु सहायक सेना नायक अधिकारी उपस्थित रहे।