Friday, March 14, 2025
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डा0 अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर अपनी मांगों को लेकर किया अनिश्चित कालीन कर्मिक अनसन

  • मांगों को लेकर देश की महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बिहार प्रांत के राज्यपाल सहित मा0 मुख्यमंत्री महोदय को सम्बोधित मांग पत्र द्वारा डीएम को सौंपा ज्ञापन

रायबरेली। जनपद के बौद्ध अनुयायियों के संयुक्त तत्वाधान में भिक्खु संघ, भिक्खु कमलशील, भन्ते धम्मपाल, भन्ते जितेन्द्र वर्धन के नेतृत्व में डा0 भीमराव अम्बेडकर बुद्धविहार समिति के पदाधिकारीगणों नें महाबोधि महाबिहार बोधगया मंदिर को अबौधों (हिन्दू ब्राम्हण महंतों) से मुक्त कराये जाने एवं बी0टी0एम0सी0 एक्ट बोधगया मंदिर अधिनियम-1949 को निरस्त किये जाने हेतु चल रहे महाबोधि महाबिहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में एवं उसके निस्तारण किये जाने को लेकर डा0 अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर किया अनिश्चित कालीन कर्मिक अनसन उक्त मांगों को लेकर देश की महामहिम राष्ट्रपति महोदय, मा0 प्रधानमंत्री महोदय, बिहार प्रांत के महामहिम राज्यपाल महोदय, मा0 मुख्यमंत्री महोदय को सम्बोधित मांग पत्र द्वारा जिलाधिकारी महोदय रायबरेली को सौंपा ज्ञापन।

कर्मिक अनसन की अध्यक्षता बुद्धविहार के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बौध एवं संचालन धम्म अनुयायी राजेश कुरील नें किया। कर्मिक अनसन का नेतृत्व कर रहे भिक्खु कमलशील ने कहा कि सन् 1949 में सरकार महाबोधि महाविहार के संचालन के लिए नौ सदस्यी बी0टी0एम0सी0 एक्ट (महाबोधि महावीर प्रबन्धन समिति अधिनियम) पारित कर समिति बनायी जिसमें चार बौध चार ब्राम्हण रखे पांचवा पदेनु सदस्य जिलाधिकारी को बनाया था जो हिन्दू ही होता है अगर जिलाधिकारी हिन्दू नहीं है तो किसी अन्य हिन्दू (ब्राम्हण) को उसकी जगह रखा जाता है ब्राम्हणों की संख्या अधिक होने के कारण यह समिति मनमानी करती है।

महाविहार में देवी देवताओं की मूर्ति रख दी गयी है पिंडदान और अन्य कर्मकाण्ड मंदिर/विहार परिसर में करते हैं जो संविधान का उल्लंघन है लम्बे समय से बौद्ध भिक्खु, बौद्ध अनुयायी महाविहार को मुक्त कराने एवं बी0टी0एम0सी0 एक्ट को निरस्त कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं सरकार न्याय देने के बजाय आंदोलन का दमन करने का प्रयास कर रही है जब तक केन्द्र व राज्य की सरकार हम बौद्धों को महाविहार नहीं सौंपती और उसका निस्तारण नहीं करती तब तक यह अनिश्चितकालीन कर्मिक अनसन चलता रहेगा समय आने पर हम लोग आमरण अनसन के लिए बाध्य होंगे।

कर्मिक अनसन को राम औतार गौतम, विमल किशोर सबरा, सत्तेश गौतम, छोटे लाल गौतम, एस0एन0 मानू, इं0 वंश बहादुर यादव, हरिश्चन्द्र गौतम, डी0डी0 कुशवाहा, मास्टर दिलीप गौतम, संदीप कुमार, महादेव, श्रवण गौतम एडवोकेट, बिन्दा प्रसाद मौय, विजय भीम, एडवोकेट अभय सोनकर, राम खेलावन, इनरू राम, रामचन्दर, विनय कुमार, धर्मेन्द्र, चौधी पासवान, दिलीप कुमार, रामेश्वर भारती, अशोक प्रताप मौर्या, राम प्रकाश वर्मा, राम प्रसाद बौद्ध, प्रीतम कुमार आदि दर्जनों लोगों ने समर्थन किया।

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