- कागजों तक सीमित है पर्यावरण संरक्षण अधिनियम
खीरों, रायबरेली। पूरे थाना क्षेत्र में हर ओर वन विभाग और पुलिस की साठ-गांठ से हरे पेड़ों की अवैध कटान बदस्तूर जारी है। लकड़ी ठेकेदार, वन विभाग, पुलिस व कुछ तथाकथित दलालों का काकस हरियाली को तेजी से उजाड़ने में उतारू है। अवैध कटान से लकड़ी ठेकेदारों द्वारा हर महीने लाखों की मोटी कमाई की जाती है, जिसका हिस्सा सभी तक पहुंचता है। वन दरोगा मनीष कुमार इस सारे खेल को बखूबी अंजाम तक पहुंचाता है।
जब कभी लकड़ी ठेकेदारों की अवैध कटान के सम्बंध में कोई शिकायत होती है तो मनीष कुमार स्याह-सफेद का खेल करता है। उसका यह खेल क्षेत्र में वर्षों से चल रहा है। नियम विरुद्ध तरीके से प्रतिबंधित पेड़ों की कटान कर पुलिस और वन विभाग दोनों अपनी जेबें भर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। ताजा मामला खीरों कस्बे का है, जहां थाने से कुछ दूरी पर ही कस्बे में नीम के हरे पेड़ को एक लकड़ी ठेकेदार ने बिना परमिशन काटकर धराशाई कर दिया और रातों-रात चोरी से लकड़ी उठा ले गया।
मामले की शिकायत पुलिस और वन विभाग से की गई। पैसा खाकर बैठे दोनों विभागों के जिम्मेदार मामले को दबाने में जुटे हुए हैं। इस पूरे मामले से कस्बे के दर्जनों लोगों में भारी आक्रोश है। लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि क्षेत्र में हो रही हरे पेड़ों की अवैध कटान में लकड़ी ठेकेदार को पुलिस और वन विभाग के साथ ही सत्ता की परिक्रमा में लगे क्षेत्र के कुछ तथाकथित दलालों का संरक्षण प्राप्त है।
जिसके चलते हरियाली पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। हरियाली पर आरा चलाने के काले खेल में संलिप्त कुछ तथाकथित दलाल अपना हिस्सा ले रहे हैं। लकड़ी ठेकेदार ने कस्बे में नीम के एक भारी भरकम हरे पेड़ को धराशाई कर दिया और रात में ही लकड़ी पार कर दिया। मामले की शिकायत किए हुए दो दिन से अधिक का समय बीत चुका है, बावजूद इसके अभी तक वन विभाग या पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं किया है।
तथाकथित दलाल मामले में मिट्टी डालने में लगे हुए हैं क्योंकि क्षेत्र में चल रही अधाधुंध प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान से तथाकथित दलालों की जेबें भर रही हैं। लकड़ी ठेकेदार द्वारा इस अवैध काम में शामिल लोगों को आए दिन पार्टियां दी जा रही हैं। फिलहाल क्षेत्र के कुछ लोगों ने नियम विरुद्ध तरीके से की जा रही अवैध कटान के खिलाफ आवाज उठाने का पूरा मन बना लिया है। अब देखना यह है कि लकड़ी ठेकेदार, वन विभाग, पुलिस और तथाकथित दलालों का काकस कब तक इस अवैध काम को अंजाम देता रहेगा।
वन दरोगा मनीष कुमार ही वन भक्षक बना बैठा है। क्षेत्र में वर्षों से जमा वन दरोगा मनीष कुमार इस सारे काम को लकड़ी ठेकेदारों के साथ मिलकर अंजाम दे रहा है। फिलहाल मामले की शिकायत डीएफओ से की गई है, जिसमें कार्रवाई का इंतजार है।