पकज तिवारी
हैदरगढ़ (सुबेहा)। स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 वर्ष बीत जाने के बावजूद शहरी इस्लामपुर गांव का खड़ंजा मार्ग आज भी डामरीकरण की बाट जोह रहा है। हैदरगढ़ से शुकुल बाजार मार्ग के बीच स्थित यह एकमात्र ऐसा रास्ता है, जिसका आज तक डामरीकरण नहीं हो पाया है। ग्रामीणों में इसे लेकर गहरी नाराजगी है।
ग्राम सभा शहरी इस्लामपुर के निवासियों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से कई बार इस मार्ग के डामरीकरण की मांग की लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। यह मार्ग न केवल दर्जनों गांवों को आपस में जोड़ता है बल्कि आस्था के केंद्र बाबा कालेश्वर धाम तक जाने वाले भक्तों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
करीब 1 किलोमीटर लंबा यह खड़ंजा वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ है। बरसात के मौसम में तो इस पर चलना भी मुश्किल हो जाता है। स्थानीय निवासी पन्नालाल साहू, अमरनाथ साहू, सुरेश सिंह, भवानी प्रसाद तिवारी, पवन पांडे, सुधीर शुक्ला, कैलाश साहब, गुरुदेव रावत समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने जल्द से जल्द डामरीकरण कराए जाने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि चुनावों के समय नेताओं द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, वे वादे भी हवा हो जाते हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही डामरीकरण नहीं कराया गया तो वे आंदोलन के लिए विवश होंगे।