पुलिस और वन विभाग के जिम्मेदार छान रहे मलाई
उजाड़ रहे हरियाली, नियम कानून सब ताक पर
खीरों, रायबरेली। थाना क्षेत्र में हर तरफ हरियाली पर आरा चल रहा है। पुलिस विभाग और वन विभाग की साठ-गांठ से नियम, कानून ताक पर रख प्रतिबंधित पेड़ों की कटान धड़ल्ले से जारी है। क्षेत्र में वर्षों से जमे वन दरोगा के पद पर तैनात मनीष कुमार लकड़ी कटान के ठेकेदारों से मिलकर क्षेत्र में अवैध रूप से कटान कराकर अपनी जेबें भर रहा है।
हालत यह है कि पुलिस और वन विभाग की मदद से चल रहे इस खेल में शिकायतों को दरकिनार करते हुए कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। हर मामले को दबा दिया जाता है। जब कोई अवैध कटान की शिकायत करता है तो वन दरोगा मनीष कुमार सबसे पहले इसकी सूचना लकड़ी कटान करने वाले ठेकेदार को देता है फिर उससे रुपये ऐंठता है और मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है।
कभी-कभार मामला बढ़ने पर डीएफओ के हस्तक्षेप पर कार्रवाई करनी पड़ती है। पुलिस और वन विभाग दोनों प्रतिबंधित पेड़ों की कटान के मामले में होने वाली शिकायतों को दबाने का पुरजोर प्रयास करते हैं। ताजा मामला थाना क्षेत्र के नया खेड़ा मजरे धुराई का है। जहां तीन प्रतिबंधित पेड़ों को बिना परमिशन चोरी से गिरा दिया गया।
जानकारी होने पर क्षेत्रीय लोगों ने मामले की शिकायत वन दरोगा से किया। वर्षों से जमा वन दरोगा लगातार दो दिनों तक मामले में मिट्टी डालने का प्रयास करता रहा। किसी ने डीएफओ से मामले की शिकायत किया। जिसके बाद अवैध रूप से लकड़ी काटवाने वाले ठेकेदार पर मजबूरन जुर्माने की कार्रवाई करना पड़ा।
क्षेत्र के नया खेड़ा मजरे धुराई में नीम के दो पेड़ व गूलर का एक पेड़ बिना परमिशन चोरी से गिरा दिया गया। सारा काम वन दरोगा मनीष कुमार की सेटिंग से किया गया। पुलिस भी मामले में संलिप्त थी। जानकारी होने पर कई लोगों ने इसकी शिकायत वन दरोगा से किया। वन दरोगा लगातार दो दिनों तक शिकायतकर्ताओं को टहलाता रहा। अंत में किसी ने अवैध रूप से लकड़ी काटने वाले ठेकेदार की शिकायत डीएफओ से किया।
डीएफओ ने मामले का संज्ञान लिया। जिसके बाद वन दरोगा के हाथ-पांव फूल गए। आनन फानन में टीम ने जाकर मौके पर पहुंचकर जांच किया। जांच में अवैध कटान का मामला सही पाया गया। जिसके बाद अवैध रूप से प्रतिबंधित पेड़ों पर आरा चलवाने वाले लकड़ी ठेकेदार पर जुर्माने की कार्रवाई, जिम्मेदारों को करने के लिए विवश होना पड़ा।