रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर द्वारा उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 में दिये गये प्रावधानों के अन्तर्गत निम्न निषेधाज्ञा आदेश पारित किये गये है कि कोई भी व्यक्ति प्रतिबन्धित अवधि 15 जून, 2025 से 30 जुलाई, 2025 तक मत्स्य प्रजनन अवधि में जलाशय, मीनाशय तथा नदियों में शिकारमाही नहीं करेगा। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई, 2025 से 30 सितम्बर, 2025 तक की अवधि में जलाशाय, मीनाशय तथा नदियों से फ्राई एवं फिंगरलिंग को पकड़ने, नष्ट करने, अथवा बेचने की कार्यवाही नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा।
कोई भी व्यक्ति 15 जून, 2025 से 30 जुलाई 2025 तक मत्स्य प्रजनन अवधि में तथा 15 जुलाई, 2025 से 30 सितम्बर, 2025 तक की अवधि में जलाशाय, मीनाशय तथा नदियों से फ्राई एवं फिंगरलिंग को पकड़ने, नष्ट करने, बेचने, बच्चों की निकासी करने तथा ऐसे समस्त उपकरणों जिससे निकारमाही सम्भव हो द्वारा शिकारमाही करने का कार्य नहीं करेगा।
जिलाधिकारी ने कहा है कि मत्स्य अधिनियम की धारा-6 के अन्तर्गत प्राधिकृत मत्स्य विभाग के अधिकारी तथा पुलिस उपनिरीक्षक को बिना वारन्ट के उक्त कृत्य करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध अधिनियम की धारा 8 के अन्तर्गत एक मुश्त जुर्माना लगाने का भी अधिकारी होगा। कोई भी व्यक्ति अथवा मत्स्य व्यवसायी उक्त अवधि में किसी भी जलाशय, मीनाशय, तथा नदियों में या उसके किसी भी भाग में मत्स्य स्पॉन, जीरा, अंगुलिका तथा मत्स्याचेट नहीं करेगा।
जिलाधिकारी ने कहा है कि उपरोक्त आदेश जनपद रायबरेली की सम्पूर्ण सीमा के अन्तर्गत उपरोक्त वर्णित समयावधि तक प्रभावी रहेगा। उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन, उ०प्र० मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा-6 तथा धारा-8 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।