लखनऊ। अटेवा एवं नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज 01 अगस्त 2025 को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर एकजुट होकर हजारों शिक्षकों, कर्मचारियों और अन्य संगठनों ने निजीकरण व मर्जर के खिलाफ जबरदस्त रोष मार्च निकाला।
सभी जनपदों में यह मार्च शांति पूर्ण तरीके से हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने हाथों में “पुरानी पेंशन बहाल करो”, “निजीकरण बंद करो”, “प्राथमिक विद्यालयों का मर्जर वापस लो”, “अर्द्धसैनिक बलों को पेंशन दो” जैसे नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से सौंपा गया।
लखनऊ में ऐतिहासिक मार्च — शहीद स्मारक तक गूंजा कर्मचारियो आक्रोश
राजधानी लखनऊ में यह मार्च स्व. बी.एन. सिंह की प्रतिमा से आरंभ होकर शहीद स्मारक तक पहुँचा। इस दौरान कर्मचारियों और शिक्षकों का आक्रोश साफ़ तौर पर झलकता रहा। मार्च का नेतृत्व अटेवा/NMOPS के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ‘बन्धु’ ने किया।
विजय कुमार बन्धु ने कहा कि “सरकार की निजीकरण नीति से सरकारी सेवाएं खतरे में हैं। पेंशन अधिकार है, कृपा नहीं। पुरानी पेंशन बहाली तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि
“विद्यालयों का मर्जर ग्रामीण बच्चों के भविष्य पर चोट है। सरकार इसे अविलंब वापस ले।”
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि “स्वास्थ्य क्षेत्र में निजीकरण से आम जनता पर खर्च का बोझ बढ़ गया है।”
रेलवे कर्मचारी अमरीक सिंह ने कहा कि “रेलवे में आउटसोर्सिंग और निजीकरण यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा दोनों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है।”
लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ नेता भारत सिंह और
लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने कहा कि
“निजीकरण से सरकारी पद समाप्त हो रहे हैं और युवाओं के सामने बेरोजगारी की दीवार खड़ी हो रही है।”
पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री रामेन्द्र श्रीवास्तव और PGI की लता सचान ने अटेवा को एकमात्र ऐसा संगठन बताया जो निजीकरण के खिलाफ आवाज़ को मजबूती दे रहा है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने सरकार से मांग की कि “NPS समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए, जिससे शिक्षकों, कर्मचारियों और अर्धसैनिक बलों को बुढ़ापे की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”
ज्ञापन सौंपा गया मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को
मार्च उपरांत सभी जिलों में जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर यह माँग की गई कि केंद्र व राज्य सरकार NPS हटाकर पुरानी पेंशन योजना को तत्काल बहाल करे, निजीकरण और मर्जर की नीतियों को समाप्त करे।
मार्च में विजय कुमार बन्धु, डॉ. नीरजपति त्रिपाठी, अशोक कुमार, अमरीक सिंह, भारत सिंह, मनोज पांडेय, रामेन्द्र श्रीवास्तव, लता सचान, डॉ. राजेश कुमार सहित विक्रमादित्य मौर्य, डॉ. रमेश चंद्र त्रिपाठी, नरेंद्र कुमार यादव, रवींद्र वर्मा, सुनील वर्मा, डॉ. अंशु केडिया, शैलेन्द्र तिवारी, सोहन लाल वर्मा, विजय कुमार विश्वास, सुरेश प्रसाद, हरिशंकर राठौर, नीलमणि नरसिंह राव, शैलेन्द्र रावत, रजत प्रहरी, राकेश वर्मा, विवेक, धीरेन्द्र शर्मा, राकेश कुमार, महेंद्र पांडेय समेत सैकड़ों कर्मचारी नेता एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।