लखनऊ। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा “सरस मेला” का शानदार आयोजन उत्तराखंड भवन, विभूति खंड, गोमती नगर, लखनऊ में 30 मार्च 2025 से 8 अप्रैल 2025 तक किया गया। यह मेला 8 अप्रैल 2025 को सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। इस मेले में भारतीय हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों का एक बेजोड़ संग्रह प्रस्तुत किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लेकर बिहार, उत्तराखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम और केरल जैसे राज्यों की महिलाओं द्वारा बनाए गए विशिष्ट हस्तशिल्प और परंपरागत उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे।
मेले में दर्शकों को प्रतापगढ़ का आँवला उत्पाद, कानपुर देहात की साड़ियाँ, गोरखपुर का टेराकोटा, उन्नाव की साड़ियाँ, बागपत की बेड शीट्स और बिहार से खिलौने, अचार, पापड़ जैसे आकर्षक उत्पाद देखने को मिले थे। इसके अलावा, ओडिशा, उत्तराखंड, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल से भी हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध थे।
समापन दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध गायिका सुश्री उपमा पांडे द्वारा लोकगायन की विशेष प्रस्तुति दी गई, और पर्वतीय महापरिषद उ॰प्र॰ ने भी इस सांस्कृतिक महोत्सव की शोभा को और बढ़ाया। उनका गायन भारतीय लोकसंगीत की समृद्ध धारा को प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
“सरस मेला” केवल शॉपिंग के लिए एक बेहतरीन अवसर नहीं था, बल्कि विभिन्न राज्यों की संस्कृति, कला और हस्तशिल्प के अद्वितीय रूपों का अनुभव भी प्रदान करता था। यह मेला भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और कला के प्रति जागरूकता फैलाने का एक बेहतरीन प्रयास साबित हुआ।