रायबरेली। गुरबक्शगंज क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा बींझे गांव में सप्तवेदी, गणेश आंबिका, रूद्र हनुमत देव, सहित मोक्षदायिनी श्रीमद् भागवत कथा के हो रहे भव्य आयोजन में आखिरी दिन कथा का श्रवण करने के लिए श्रोतागणों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी।
आपको बता दें कि, ग्राम सभा बींझे में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन मंगलवार को सिधौना अमांवा से पधारी कथा व्यास संध्या भरद्वाज ने प्रमुख रूप से भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता व ऊधौ गोपी संवाद कृष्ण रुक्मणी विवाह भगवान का स्वधामगमन परीक्षित मोक्ष जैसी कथाओं का व्याख्यान करते हुए कथा व्यास ने बताया कि, मित्रता कैसी हो यह हमें भगवान श्री कृष्ण तथा सुदामा की मित्रता से सीखना चाहिए।
मित्र के प्रति ईमानदारी, त्याग, और सम्मान का भाव ही सच्ची मित्रता कहलाती है। कथा व्यास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने ऊधौ जी को वृंदावन भेजा परंतु जब वहां पर ऊधो जी पहुंचे तो गोपियों के प्रेम में ऐसा डूबे कि वह भी प्रेम मय हो गए। और वह स्वयं ब्रज से नहीं आना चाहते थे भगवान कृष्ण ने माता रुक्मणी से विवाह किया। प्रभात क्षेत्र में जब कालांतरण में समय बीता भगवान ने पृथ्वी पर खूब शासन किया जब समय आया तो भगवान अपने स्वधाम को चले गए। कथा व्यास द्वारा विभिन्न प्रसंगों को सुनकर पांडाल में उपस्थित समस्त श्रोता भाव विभोर हो गए।
विदित हो कि महराजगंज विकासखंड क्षेत्र के जिहवा ग्राम सभा के रहने वाले आनंद मिश्रा द्वारा हो रही संकल्पित श्रीमद् भागवत कथा के बारे में उन्होंने बताया कि उनके द्वारा हर दूसरे महीने अलग-अलग स्थानों पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, यह उनके द्वारा आयोजित चौथी श्रीमद् भागवत कथा है। श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक आनंद मिश्रा ने आखिरी दिन मंगलवार को यज्ञशाला पर यजमान के कल्याण के लिए सुंदरकांड का पाठ भी किया।
इस मौके पर यज्ञशाला के प्रमुख आचार्य पंडित योगेंद्र त्रिपाठी, परिचायक अमरेश शुक्ला, अरुण कुमार त्रिपाठी, यजमान विश्वनाथ सिंह सपत्नीक सुशीला सिंह, सहित करुणा नाथ सिंह, रणविजय सिंह, पारसनाथ सिंह, योगेंद्र नाथ सिंह, सतीश नाथ सिंह, गजेंद्र नाथ सिंह, त्रिभुवन नाथ सिंह, सुरेंद्र सिंह, नागेंद्र नाथ सिंह, वीरेंद्र नाथ सिंह, विभू सिंह, औतंश नाथ सिंह, दीपांशू सिंह, हिमांशू सिंह, जितेंद्र सिंह, रागेन्द्र सिंह, रामू त्यागी सहित बड़ी तादात में श्रद्धालु उपस्थित रहे।