कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने हाल ही में अपने मिडल ईस्ट स्टडीज डिपार्टमेंट में बदलावों की घोषणा की है। यह कदम ट्रंप प्रशासन के दबाव के चलते उठाया गया है, जिसमें छात्रों पर नई पाबंदियों और सुरक्षा के प्रावधानों को शामिल किया गया है। इस स्थिति ने विश्वविद्यालय के कार्यशैली और निर्णय प्रक्रिया को प्रभावित किया है।
नए नियमों और सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन
शुक्रवार को जारी एक पत्र के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने मिडल ईस्ट स्टडीज डिपार्टमेंट को नए पर्यवेक्षण के तहत रखने और विरोध प्रदर्शनों के नियमों में संशोधन करने पर सहमति जताई है। इस बदलाव में नए सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति भी शामिल है, ताकि छात्र अनुशासन को बनाए रखा जा सके। यह कदम विश्वविद्यालय के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने का संकेत है।
समुदाय के लिए बौद्धिक विविधता का विस्तार
कैटरीना आर्मस्ट्रांग, विश्वविद्यालय की interim अध्यक्ष, ने कहा कि यूनिवर्सिटी यहूदी-विरोध की नई परिभाषा भी अपनाएगी। इसके अलावा, इसने इजरायल एवं यहूदी अध्ययन संस्थान में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे ‘बौद्धिक विविधता’ को बढ़ावा दिया जा सके। यह बदलाव यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता की ओर एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है, लेकिन यह भी दिखा रहा है कि दबाव के सामने कैसे झुकना पड़ता है।
ट्रंप प्रशासन ने क्यों बनाया यूनिवर्सिटी पर दबाव?
ट्रंप प्रशासन ने बार-बार कोलंबिया यूनिवर्सिटी पर यह आरोप लगाया है कि वहां इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में यहूदी विरोधी भावना फैलने दी गई। ये विरोध पिछले साल कोलंबिया से शुरू होकर अन्य विश्वविद्यालयों में भी फैल गए थे। आर्मस्ट्रांग ने अपने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय ने यहूदी समुदाय द्वारा किए गए भेदभाव और उत्पीड़न की गंभीर चिंताओं को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने यह भी कहा कि कोलंबिया और उसके लोगों को जिस तरह से दिखाया गया है, उसे समझना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘हां, हमारे सामने चुनौतियां हैं, लेकिन वे हमें परिभाषित नहीं करतीं।’
अन्य विश्वविद्यालयों पर भी मंडरा रहा है खतरा
ट्रंप प्रशासन ने हाल के दिनों में कोलंबिया यूनिवर्सिटी पर अपने हमलों को बढ़ा दिया था। 8 मार्च को, संघीय आव्रजन अधिकारियों ने महमूद खलील नाम के एक प्रमुख फिलिस्तीनी कार्यकर्ता और कानूनी स्थायी निवासी को उसके विश्वविद्यालय के अपार्टमेंट में गिरफ्तार किया था। ट्रंप ने इसे ‘कई में से पहला’ निर्वासन प्रयास बताया था। न्याय विभाग के अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शनों में शामिल छात्रों को कानून से बचाने के लिए छिपाया था। ट्रंप ने कोलंबिया के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों को भी चेतावनी दी है कि अगर वे उनका एजेंडा नहीं अपनाते, तो उनके बजट में कटौती की जा सकती है।