लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहन व सुविधाएं देने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इस सेक्टर में प्रदेश में बहुत तेजी से काम करते हुए जहां किसानों के उत्पादों के प्रसंस्करित कराते हुए उन्हें सुविधाएं मुहैय्या कराने के साथ उनके भण्डारण आदि के बारे में भी सार्थक कदम उठाए गए हैं ,वहीं स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को इससे जोड़कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रभावी व ठोस कार्य किये गये हैं यही नहीं खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं।
नतीजा है कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है, सबसे अधिक खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग स्थापित हैं। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 65000 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं। 3.5 लाख इकाईया असंगठित क्षेत्र (एम०एस०एम०ई०) की है। 2800 इकाईयों द्वारा लगभग 100 करोड़ के निवेश वाली है। खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से लगभग 2.55 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार सृजन हो रहा है।
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत इस वर्ष स्वीकृत प्रस्ताव सर्वाधिक हैं, जिनका स्ट्राइक रेट 98 प्रतिशत है जो कि प्रथम स्थान पर है। पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत 15190 से अधिक इकाईयों को अनुदान स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके माध्यम से 1.50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन किया गया है।
प्रदेश की महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों द्वारा भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अहम योगदान दिया जा रहा है। महिलायें मशरूम, शहद, मसाले, अचार, मुरब्बा, जैम, चटनी, शिशू आहार, फूड सप्लीमेन्ट्स, मैक्रोनी, पास्ता, नूडल्स, कुकीज आदि प्रसंस्कृत उत्पादों की इकाईयां संचालित कर रहीं हैं।उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 अन्तर्गत निवेश पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन 900 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें रु0 4,500 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू की गयी थी, जिसके माध्यम से प्रदेश में लगभग धनराशि रु0 5,000 करोड़ का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया गया। स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष 800 संस्थाओं को पूंजीगत / ब्याज उपादान धनराशि रू. 500.00 करोड़ हस्तांतरित की गयीउप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 एवं पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद से 1000 इकाईयां स्थापित कराने के प्रयास कराये जायें।
जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय आदि पर विभिन्न स्तरों पर होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में सार्थक रूप से योजना का प्रचार-प्रसार कराते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों को आत्म निर्भर बनाया जाये।जो लोग अच्छा कार्य कर रहे हैं उन्हें सम्मानित किया जाये। एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर्स का चिन्हांकन करते हुए जनपदों में मूल्य संवर्द्धन एवं प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करायी जायें। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार सृजन होगें।