- वटवृक्ष के नीचे यमराज से सावित्री ने अपने पति के प्राण वापस लाई थी
देशभर में बट सावित्री पूजा के दिन आज लाखों महिलाओं ने व्रत रखते हुए विधान से पूजा अर्चन करते हुए अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। बताया जाता है कि वटवृक्ष के नीचे यमराज से सावित्री ने अपने पति के प्राण वापस लाई थी, तभी से बट वृक्ष पूजा का विधान है।
रायबरेली जनपद के ग्राम सभा खीरों में सैकड़ो महिलाओं ने बट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चन करते हुए अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। पूजा अर्चन करने वाली व्रत धारी गौरी सोनी, संगीता सोनी, विद्या देवी, सहित सैकड़ो महिलाओं की माने तो वह हर साल अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए बट वृक्ष पूजा करती हैं। विधि विधान से बट वृक्ष के नीचे पहुंचकर तमाम तरह के भोग लगाकर बट सावित्री व्रत को पूरा करती हैं।
शकील अहमद
सरोजिनी नगर लखनऊ l वट सावित्री व्रत पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पूजा करती हैं. इसलिए, इस व्रत में पूजन सामग्री का विशेष महत्व है. साथ ही इस पूजा में बरगद के वृक्ष का पूजन भी किया जाता है l
ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र पेड़ के नीचे पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस तरह सावित्री ने अपने समर्पण से अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाई थीं, उसी तरह इस शुभ व्रत को रखने वाली विवाहित महिलाओं को एक सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता
जगत के पालनहार विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा का वास होता है। इसलिए इस पेड़ की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सौभाग्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा महिलाएं मनचाही मनोकामना मांगते हुए बरगद के पेड़ पर कलावा बांधती है। शुभ व्रत को रखने वाली महिलाएं गुड्डन उपाध्याय प्रीति तिवारी, अनीता यादव, भावना यादव, प्रतिष्ठा, संध्या, सरस्वती, संतोषी आदि महिलाओं ने वटवृक्ष की पूजा की l